महकें चहकें चमकें झूमें, जीवन की हर दीवाली आप
दसों दिशाओं चारोँ ओर से, बरसे खुशियों की सौगात !
मुस्काएँ नयनों के दीप, हँसी मुस्कानें हो चारोँ ओर
इस जीवन में कभी न सूखे, प्रेम शांति की बरसात !
सबका हरदिन मंगलकारी, हो रहे सदा मन में आनंद
विनती यही प्रभु कृपा बरसे, हम पर सदा यूँ ही दिनरात !
✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
धन तेरस,छोटी दिवाली,बड़ी दिवाली ,गोवेर्धन पूजा
और भैया दूज की,आप सभी को सपरिवार शुभ कामनाएं !
Seema Kaushik is a poet based in Faridabad, India. She is an engineering graduate, who spent most of her life as a homemaker. After being forced to live according to society’s rules, she has finally discovered her voice in her 50s. Now, she writes to be free.
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