की थी मोहब्बत सोच कर जीवन खिलेगा फूल सा पर मोहब्बत ने छीना होश !चुभा काँटा बबूल सा जिंदगी ने ढाये सितम !किये अपनों ने ,गैरों ने ! सितमगर ने छीना होश ! पड़ा दिल पे चाँटा मगरूर का !
की थी मोहब्बत सोच कर जीवन खिलेगा फूल सा पर मोहब्बत ने छीना होश !चुभा काँटा बबूल सा जिंदगी ने ढाये सितम !किये अपनों ने ,गैरों ने ! सितमगर ने छीना होश ! पड़ा दिल पे चाँटा मगरूर का !
Woooooooo amazing ☺️👌
LikeLike
thank you so much ! : )
LikeLike
Most welcome ji☺️
LikeLike