ज़िन्दगी तूने दिया जो,हमने लगाया सिर माथे जो लड़ते हैं तुझसे वो भी तो कुछ नहीं पाते सच है मौत को गले लगाने वाले होते हैं कायर जीतते हैं वही जो कमियों के साथ गले लगाते संघर्ष से घबराना टूटना बिखरना मेरी नहीं फितरत गिरके उठे हैं बार बार तेरी आँख से आँख मिलाते मोहब्बत है बहुत और दिल में तेरी इज़्ज़त भी तेरा करम है रब कि हम रोज़ निखर निखर जाते आदमी फंसाया करता था जाल में मछलियां अब तो आदमी ही आदमी को जाल में हैं फंसाते ज़िन्दगी अब तेरा तो हर अंदाज़ है निराला कोशिश है संवार लूँ बिगड़ा,जी लूँ जी भर हँसते मुस्कुराते