नयन सजल, ह्रदय विकल, आँखों में सवाल हैं
हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं
खामोशियाँ चारों तरफ, दिल में मेरे शोर है
सीने की अगन मेरी, जीना किये मुहाल है
हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं
रुके रुके से हैं कदम, थका थका सा है ये मन
बेचैन मुझे कर रहे, आपके ख्याल हैं
अपनों की भीड़ में रहा ना कोई मेरा अपना अब
व्यवहार करें गैरों सा आ रहे मलाल हैं
हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं
वक़्त ना किसी के पास, शामें मेरी हैं उदास
खोया पाया मैंने क्या अब यही सवाल हैं
हमदर्द बन के वो मेरे जीवन में शामिल हो गए
हैं बेकदर वो इस कदर हुए जान का बवाल हैं
हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं
होठों पे मुस्कान रख, कर मन सुदृढ़, मज़बूत बन
कह रही है रूह मेरी आप इतने क्यों बेहाल हैं
नयन सजल, ह्रदय विकल, आँखों में सवाल हैं
हमसे अब ना पूछिए, आप के क्या हाल हैं ......
Seema Kaushik is a poet based in Faridabad, India. She is an engineering graduate, who spent most of her life as a homemaker. After being forced to live according to society’s rules, she has finally discovered her voice in her 50s. Now, she writes to be free.
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