सब कुछ खोकर भी खुद पर भरोसा बाकी है क्या लुटा ? अगर मेरी उम्मीद बाकी है हाँ सच है ! मेरी बेपनाह मोहब्बत है तू मगर अभी मुझमे खुद पे ग़ुरूर बाकी है
सब कुछ खोकर भी खुद पर भरोसा बाकी है क्या लुटा ? अगर मेरी उम्मीद बाकी है हाँ सच है ! मेरी बेपनाह मोहब्बत है तू मगर अभी मुझमे खुद पे ग़ुरूर बाकी है
Good one
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very nice
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