मौत आलिंगन करे मेरा इससे पहले आ ज़िन्दगी ! तेरी बाहों में थोड़ा सुस्ता लूँ आ तुझे गले लगा लूँ दिन पूरे हुए तो क्या कुछ लम्हें ख़ुशी मना लूँ ! तुझे सीने से लगा लूँ तेरी बाहों में सुकून इतना तेरी बाहों में थोड़ा सुस्ता लूँ आ तुझे गले लगा लूँ तेरी हर बात हर अंदाज़ सदा रहा कबूल मुझे तेरे सीने पे सर रख सारे गम पिघला लूँ तुझे साँसों में समा लूँ ! आ तुझे गले लगा लूँ हर तरफ खामोशियाँ और घड़ी की टिक टिक खुद की साँसों को तेरा अहसास मैं बना लूँ आ गले लगा लूँ तेरी बाहों में थोड़ा सुस्ता लूँ दिन था कभी तो रात भी कुछ गम तो खुशियों की बरसात भी आंसू तो मुस्कराहट भी तुझे हमेशा की चाहत बना लूँ आ तुझे गले लगा लूँ तेरी बाहों में थोड़ा सुस्ता लूँ
बहुत ही सुंदर रचना है ❤️❤️
धन्यवाद
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bahut bahut aabhaar !!thanks !
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भाव बिभोर करने वाली रचना है👌👌💞
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your words always inspire me to do better,thank you so much ! 🙂
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thanks a lot !
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बहुत सुंदर प्रस्तुति दी है
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aap ka dil se aabhaar ! dhanyvaad !
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Loved this one. This actually reminds me of one of Late Meena Kumari’s poetry : aa maut gale laga le mujh ko….
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