काम सभी के आइये, प्रकृति का यही मूल दूषित जल ही है रुका, कभी न जाना भूल
Month: December 2021
धुंध तेरी यादों की
धुंध तेरी यादों की, ज्यूँ बर्फ में लिपटा गिरी बूँद बूँद पिघल रही, नैनों से अश्रु बादल सी क्यों पिघल नदी सी ये, दिल में प्रवाहित हो रही हर नस में, खून की बूँद में, सुलगती अंगार सी । धुंध तेरी यादों की ज्यूँ बर्फ में लिपटा गिरी भावना के ज्वार, में डूबती उतराती मैं अनचाहे यादों के भंवर,गहरे फंसती जाती मैं साफ़ दिख रहा ना वर्तमान ,ना भविष्य ही ऐसे जैसे जीवन में, आ गयी हो बाढ़ सी धुंध तेरी यादों की ,ज्यूँ बर्फ में लिपटा गिरी वक़्त के बढ़ते कदम, पड़ते नहीं पीछे कभी बावरी बन क्यों मैं इन, लम्हों को पुकारती छोड़ दूँ, मिटा दूँ मैं, क्या धुंध तेरी यादों की जो बिगाड़े आज मेरा, मित्रता करे शत्रु सी धुंध तेरी यादों की ज्यूँ बर्फ में लिपटा गिरी ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
30.दोहा
लालच से बचके रहो, ये अवगुण की खान सब अंडे इक बार में, लें मुर्गी की जान
29.दोहा
आँखें मेरी बोलतीं ,लब मेरे ख़ामोश हे भगवन! कुछ तो कहो, क्या है मेरा दोष
27.दोहा
मन आकर्षित वो करे, चंचल जिसके नैन अधरों पर बंसी सजी, कृष्ण बिना कब चैन
28.दोहा
रोज़ नयी दुश्वारियाँ, रोज़ नयी है बात कैसे सुकून से रहे ,जब ले फेरे सात
अनुकूल प्रतिकूल
अनुकूलता आपको निखारती नहीं है प्रतिकूलता का आपको धन्यवादी होना चाहिए बिन हथौड़े छैनी की चोट कैसे पत्थर तराशे कोई मूरत को हथौड़े छैनी का धन्यवादी होना चाहिए संघर्षों के कांटे बिछे हों चाहे जितने राह में फूल हार मान उन्हें अपना लेना चाहिए तेरे मेरे विचार और स्वभाव हो सकते हैं अलग समझ के एकदूसरे को साथ चलना चाहिए आप रखते हो सभी के दिल का ख्याल अपने दिल का भी सदा ख्याल रखना चाहिए अपेक्षाएं बन जाती हैं जीवन का ज़हर धीरे धीरे कोशिशें कर त्याग देना चाहिए चाहत दुनियाँ बदलने की ! खुद बदल पाते नहीं अपने आप में सुधार का प्रयास होना चाहिए हम सभी को अनुकूलता प्रतिकूलता सोचे बिना भरपूर जीवन जीने का मज़ा लेना चाहिए
26.दोहा
मन चंचल है बावरा,यही न समझे बात हम कठपुतली हैं सभी, क्या अपनी औक़ात
सौतन
सौतन बैरन ले गयी, पी को अपने साथ दिल पर लौटें साँप ज्यूँ , छूटा उसका हाथ छूटा उसका हाथ, कसम जन्मों की खाई नैनं बरसे नीर ,सही न जाए जुदाई पगली उसको भूल ,रोने से क्या प्रयोजन ख़ुशी है मूल्यवान,भाड़ में जाए सौतन
25.दोहा
सुगंध साँसों में घुले, महके हर एक श्वास छुअन फूल सी प्यार की, जगें सुप्त अहसास