रूह में ज़ज़्ब हो जाने का दिल हो तो मिल मगर झूठे दिलासे देने हो तो मत मिल मेरी राह में फना हो जाने का जज़्बा हो तो मिल वक़्त पे कदम पीछे हटाने हो तो मत मिल मेरे हर डर को हरा सकता हो तो मिल मेरे दर्द पे पीठ पीछे हंसना हो तो मत मिल मेरा हर ज़ख्म मिटा सकता हो तो मिल नया ज़ख्म देना हो तो बिलकुल मत मिल रंजोगम की दीवार गिरानी हो तो मिल बेरुखी की दीवार उठानी हो तो मत मिल मिल या मत मिल,मेरे लिए दुआ कर बिस्मिल !
BEAUTIFUL. A good blend of Urdu and Hindi.
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