कुछ माहिया छंद लिखे हैं ,आशा है आप को पसंद आएंगे। ( विरह ) ।/ सावन जब जब आये याद तिरी माहिया मेरे दिल को तड़पाए २/ तेरा दीवाना हूँ माने ना माने आशिक़ परवाना हूँ ३/ होठों को खोलो ना दिल की बात कहो जानम कुछ बोलो ना 4 सावन ऐसा बरसा भीग गयी अँखियाँ साजन को दिल तरसा ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️