दुनिया से क्या शिकायत जब अपने बदले दिन रात सुबह शाम मौसम ज़माने बदले हमारे दर्द की थाह जाने हम या हमारा रब ख़ुशी के लिए ये दुनिया क्या क्या ना बदले ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
दुनिया से क्या शिकायत जब अपने बदले दिन रात सुबह शाम मौसम ज़माने बदले हमारे दर्द की थाह जाने हम या हमारा रब ख़ुशी के लिए ये दुनिया क्या क्या ना बदले ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
बहुत खुबसूरत |
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thank you so much ! 🙏🙏💐💐❤️🤗
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