भँवरे तितलियाँ

भँवरे व तितलियाँ कईं, किस्म किस्म के फूल

रूप बदलता प्यार का, प्यार वफ़ा न उसूल

प्यार वफ़ा न उसूल, बात ये बिलकुल सच्ची

प्यार का है उतार, हो उम्र बड़ी या कच्ची

नहीं प्यार ये मान, न इससे जीवन सँवरे

सदा रहें न साथ, उड़ते तितलियाँ भँवरे

    

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