अँधेरे में कहीं ए दोस्त, यूँ ही गुम हो न जाना तुम गम जितने भी हो चाहें, हरदम मुस्कुराना तुम विश्वास किसी पर भी, रहे न रहे मेरे हमदम विश्वास बना रहे खुद पर, ये न भूल जाना तुम
अँधेरे में कहीं ए दोस्त, यूँ ही गुम हो न जाना तुम गम जितने भी हो चाहें, हरदम मुस्कुराना तुम विश्वास किसी पर भी, रहे न रहे मेरे हमदम विश्वास बना रहे खुद पर, ये न भूल जाना तुम