आँखों में नींद की ख़ुमारी, पर सोना नहीं है दिल दर्द से ...लबालब ... रहे, रोना नहीं है बहुत कुछ बीता ..बिछड़ा.. बिखरा..दोस्त बहुत खोया ..अब हमें और.. खोना नहीं है
आँखों में नींद की ख़ुमारी, पर सोना नहीं है दिल दर्द से ...लबालब ... रहे, रोना नहीं है बहुत कुछ बीता ..बिछड़ा.. बिखरा..दोस्त बहुत खोया ..अब हमें और.. खोना नहीं है