बहुत महंगा पड़ा हमको अजी यहाँ दिल लगाना न था मालूम मुश्किल है ये दर्द-ओ-गम को भुलाना वो कहते थे जताते थे हमारे हैं कब से वो ज़ालिम खुला अचानक राज़ !बैठे हैं लुट गया जैसे खज़ाना
बहुत महंगा पड़ा हमको अजी यहाँ दिल लगाना न था मालूम मुश्किल है ये दर्द-ओ-गम को भुलाना वो कहते थे जताते थे हमारे हैं कब से वो ज़ालिम खुला अचानक राज़ !बैठे हैं लुट गया जैसे खज़ाना