*हर दर्द के पीछे रहा है कारण कोई ज़रूर* *यूँ ही नहीं अश्क़ आखों से छलकें मेरे हुज़ूर* *घुटता रहा चुपचाप दिल ही दिल में तनहा* *चला ऐसे ही नहीं जाए है उसकी आँख का नूर* ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
*हर दर्द के पीछे रहा है कारण कोई ज़रूर* *यूँ ही नहीं अश्क़ आखों से छलकें मेरे हुज़ूर* *घुटता रहा चुपचाप दिल ही दिल में तनहा* *चला ऐसे ही नहीं जाए है उसकी आँख का नूर* ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
very nice
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हार्दिक धन्यवाद !सादर आभार ! 💐💐
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❤️
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हार्दिक धन्यवाद !सादर आभार ! 💐💐
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