दर्द





*हर दर्द के पीछे रहा है  कारण कोई ज़रूर*
*यूँ ही नहीं अश्क़ आखों से छलकें मेरे हुज़ूर*
*घुटता रहा चुपचाप दिल ही दिल में तनहा*
*चला ऐसे ही नहीं जाए है उसकी आँख का नूर*
              ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️

सत्यपथ

*नतीजा जैसा भी निकले, तुम सत्यपथ पर अडिग  रहना*  
*जीतेंगे कभी हारेंगे, हम जीवन-रण, पड़े सुख-दुःख सहना*
*सात परदे फाड़ कर भी, सच्चाई, आ जाती है सामने बाहर*  
*सदा नहीं रहे, सत्यपथ पर हार, समझो हार को गहना*  
              ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️

राज़

बहुत महंगा पड़ा हमको अजी यहाँ दिल लगाना 
न था मालूम मुश्किल है ये दर्द-ओ-गम को भुलाना 
वो कहते थे जताते थे हमारे हैं कब से वो ज़ालिम 
खुला अचानक राज़ !बैठे हैं लुट गया जैसे खज़ाना   

शहीद दिवस (23rd मार्च)

बनें जो देश का मान गौरव , नमन है उन शहीदों को
है सर्वस्व देश पर वारा, नमन है उन शहीदों को
जिन कुर्बानियों से देशवासी, आज़ाद हवाओं में साँसें लें
है मिलाया खुद को मिट्टी में , नमन है उन शहीदों को

ताना-बाना

हर इंसान यहाँ खुद ही बुनता, मन का ताना-बाना 
बुनते बुनते खुद ही उलझे, रहे न कोई ठिकाना 
अपने ही जाल में मकड़ी जैसे, फंसे जंजाल में ऐसे 
ख़्वाब ख़्वाहिशें कम ही अच्छी, ये न किसी ने माना
         ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️