नामुराद तेरी याद आती रही औ सताती रही भूल जाना चाहती थी पर क्यूँ याद आती रही यादें छीन लेंगी ख़ुशियाँ......होंगे नैन तरबतर पत्थर-दिल वो.....बरबस.....मुस्कुराती रही
नामुराद तेरी याद आती रही औ सताती रही भूल जाना चाहती थी पर क्यूँ याद आती रही यादें छीन लेंगी ख़ुशियाँ......होंगे नैन तरबतर पत्थर-दिल वो.....बरबस.....मुस्कुराती रही
बहुत सुंदर।
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thank you so much ! : )
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