माँ से बातें

कितना मुश्किल है बड़ी उम्र में माँ से बातें करना
कहीं दिल की मायूसी का उन्हें आभास न हो 

कईं ख़्वाब जो टूटे समाज में इज़्ज़त रखते 
आवाज़ की भर्राहट में ये उन्हें अहसास न हो 

माँ को देखते ही माँ से बस लिपट जाना
नमी आँखों की छुपाने का विफल कहीं प्रयास न हो

कहने को तो कह सकते हैं माँ से दिल की 
पर उनकी उम्र बीमारी और प्यार, 
कहीं माँ के दिल टूटने का त्रास न हो
 
कितना मुश्किल है बड़ी उम्र में  
माँ से बातें करना     

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