धुली धुली सी है धरा, धुला धुला सा है गगन तप्त हवाएँ सर्द हुईं ....खिल उठा ह्रदय सुमन है पात पात धुल गया, महक उठा सारा चमन आसमाँ को एकटक.........निहारते मेरे नयन ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
धुली धुली सी है धरा, धुला धुला सा है गगन तप्त हवाएँ सर्द हुईं ....खिल उठा ह्रदय सुमन है पात पात धुल गया, महक उठा सारा चमन आसमाँ को एकटक.........निहारते मेरे नयन ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️