देखा देखी करें बहुत, जगत में भेड़चाल
गलत सही का फर्क रख, निज विवेक संभाल
निज विवेक संभाल, रीति-रिवाज़ में मत पड़
छोड़ अंधविश्वास , तू डोर ज्ञान की पकड़
चाहो स्वस्थ समाज, न ज्ञान तर्क अनदेखी
चुकता उच्च हिसाब, किसी की देखा देखी
देखा देखी करें बहुत, जगत में भेड़चाल
गलत सही का फर्क रख, निज विवेक संभाल
निज विवेक संभाल, रीति-रिवाज़ में मत पड़
छोड़ अंधविश्वास , तू डोर ज्ञान की पकड़
चाहो स्वस्थ समाज, न ज्ञान तर्क अनदेखी
चुकता उच्च हिसाब, किसी की देखा देखी
बहुत सुंदर |
LikeLike