*दिल में बसा के प्यार को भूलना नहीं* *साँसों में बसते हो कभी भूलना नहीं* *वहम है ज़ेहन से मिटा पाओगे मुझे* *लहू बन रगों में बह रही भूलना नहीं* ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
*दिल में बसा के प्यार को भूलना नहीं* *साँसों में बसते हो कभी भूलना नहीं* *वहम है ज़ेहन से मिटा पाओगे मुझे* *लहू बन रगों में बह रही भूलना नहीं* ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
वाह, बहुत सुंदर|
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