🌹🌹आप सबका अभिवादन करती हूँ। मैं सीमा कौशिक 'मुक्त' ,एक इंजीनियरिंग स्नातक, दिल से युवा,अपनी बहुत सारी उपलब्धियों और अनुभव को काव्य के माध्यम से आप सब के साथ साझा करुँगी। पढ़ाई के बाद ३५ वर्ष मैंने घर, पति और बच्चों को दिए,अभी भी दे रही हूँ। ये काव्य जो ह्रदय में वर्षों से सुप्तावस्था में रहा। उसे सामने लाने में मेरे बेटे 'मार्तण्ड कौशिक' का काफी योगदान है। अब मैं चाहती हूँ कि वो अपनी माँ पर कवयित्री के रूप में भी गर्व करे । पारी देर से शुरू हुई , पर उम्मीद है ,आपको हरगिज़ निराश नहीं करुँगी।🌹🌹
*अपने दिल का हर दर्द समेट लायी हूँ*
*आप सभी को अपना समझ के आयी हूँ*
*काव्य माध्यम से साझा करलूँ ये जीवन*
*नव अनुपम भावों की सौगात लायी हूँ*
✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
Seema Kaushik is a poet based in Faridabad, India. She is an engineering graduate, who spent most of her life as a homemaker. After being forced to live according to society’s rules, she has finally discovered her voice in her 50s. Now, she writes to be free.
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2 thoughts on “सौगात”
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है अभिलाषा आपकी पुर्ण हो आपके अनुभव मार्गदर्शक बने यही,, मेरी शुभकामना है 🙏
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है अभिलाषा आपकी पुर्ण हो आपके अनुभव मार्गदर्शक बने यही,, मेरी शुभकामना है 🙏
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🌹🌹बहुत बहुत शुक्रिया आभार आपका !! आप की प्रेरक टिपण्णी के लिए ..🙏🏻🌹🌹
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