बिना स्वार्थ न बात हो, न हो किसी का काम दाँत लोभ के जब बढ़े..... जपें राम का नाम जपें राम का नाम.......रखे हैं बगल में छुरी ऐसे उनके काम............भली है उनसे दूरी रहे राम का नाम...... गुनाह मत इनके गिना रब का ये फरमान... न मिले स्वार्थ के बिना ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️