हम दर्द के साथ भी जी लेंगे हम ज़ख्म-ऐ-जिगर भी सी लेंगे कोई हमें सज़ा क्या देगा जब हम ज़हर भी ख़ुशी से पी लेंगे ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
हम दर्द के साथ भी जी लेंगे हम ज़ख्म-ऐ-जिगर भी सी लेंगे कोई हमें सज़ा क्या देगा जब हम ज़हर भी ख़ुशी से पी लेंगे ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
Very nice.
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App buth asha likhte ho👌👌
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