ज्ञान के जगमग दीप जलें, शांति-संयम की बाती हम सब मनाएँ जीवन उत्सव, प्यार ही इसकी थाती रूठे हुओं को अपना बनाएँ, सुंदर प्रेम के दीप जलाएं साफ़ रखें मन का दर्पण, आत्मज्योत तभी जल पाती ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
ज्ञान के जगमग दीप जलें, शांति-संयम की बाती हम सब मनाएँ जीवन उत्सव, प्यार ही इसकी थाती रूठे हुओं को अपना बनाएँ, सुंदर प्रेम के दीप जलाएं साफ़ रखें मन का दर्पण, आत्मज्योत तभी जल पाती ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️