हमने फूल ख़रीदे काँटे संग चले आये हँसने की चाहत में आँसू संग चले आये हमने रातभर करवटें बदली बेचैनी में दिलासा देने चाँद तारे संग चले आये ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
हमने फूल ख़रीदे काँटे संग चले आये हँसने की चाहत में आँसू संग चले आये हमने रातभर करवटें बदली बेचैनी में दिलासा देने चाँद तारे संग चले आये ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
वाह, बहुत सुंदर |
LikeLiked by 1 person