प्रथम चरण-वंदन करूँ, नत शिर बारम्बार।
रोम-रोम बसे राम को, ह्रदय मनमंदिर द्वार।।
मस्तक पर चन्दन तिलक,अक्षत देउँ चढ़ाय।
ह्रदय करो निर्मल प्रभु,सदबुद्धि शांति अंबार।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
१/
रामायण महात्म्य है, राम महिमा का गुणगान।
सुरतरू की छाया सम, करती दूर दुःख मान।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
२/
कलयुग में भव तरने का, है ये उत्तम उपाय।
मन से रामायण भजो, तीर्थ-करन फल पाय।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
३/
श्रवण मात्र रामायण का, दे परमतत्व का ज्ञान।
अवगुण कटें जो सुने इसे, औषध राम का नाम।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
४/
रामायण नहीं प्रिय जिन्हें, जीवन मृतक समान।
तुलसी कहें ये मान लो, रामायण अमृत खान।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
५/
भक्तों की भक्ति रामायण, रसिकों की रसरूप।
ज्ञानमयी ज्ञानी कहते, भवतारण अनुरूप।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
६/
रामायणं अनुपम शोभा,इस सम ग्रन्थ कहाँ कोई दूजा।
भक्ति ज्ञान वैराग्य समाये,निर्गुण-सगुण दोनों को भाये।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
७/
जिस घर हो पाठ रामायण,सर्व कोटि भय नसावन।
घर में हो रामायण वाचा, हनुमत कृपा करे मनभावन।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
८/
स्वास्थ्य,सुख-संपत,शांति,प्रेम, हनुमान देते हैं पावन।
हर दोहा चौपाई छंद, होता अमृत समान सुहावन।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
९/
जिस घर रामायण वासा, यम न भूल के फेंके पासा।
रामायण से प्रेम तो हों कारज सिद्ध न होय निराशा।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
१०/
रामायण से किया जन कल्याण, धन्य तुलसीदास महान।
पुरुषोत्तम प्रभु का ये यशगान, संतजन मथें, लभें परम ज्ञान।।
जय सियाराम जय जय सियाराम
✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
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Seema Kaushik is a poet based in Faridabad, India. She is an engineering graduate, who spent most of her life as a homemaker. After being forced to live according to society’s rules, she has finally discovered her voice in her 50s. Now, she writes to be free.
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