जब तक नारी न बदलेगी उसकी हालत न बदलेगी
जब तक नारी न बोलेगी उसकी हालत न बदलेगी
जब तक नारी अशिक्षित है उसकी हालत न बदलेगी
तर्कसंगत यदि सोच न होगी उसकी हालत न बदलेगी
जब तक खुद पे विश्वास नहीं, उसकी हालत न बदलेगी
जब तक है दूजों पर निर्भर, उसकी हालत न बदलेगी
जब तक भावनाओं का जोर, उसकी हालत न बदलेगी
औरत औरत का साथ न दे तो उसकी हालत न बदलेगी
यदि देवी कहलाने का लालच, उसकी हालत न बदलेगी
चाहे जितना जोर लगा लो, उसकी हालत न बदलेगी
जब तक इतिहास से सबक न लेगी, उसकी हालत न बदलेगी
खुद को बदलना बहुत ज़रूरी वर्ना हालत न बदलेगी
✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
Seema Kaushik is a poet based in Faridabad, India. She is an engineering graduate, who spent most of her life as a homemaker. After being forced to live according to society’s rules, she has finally discovered her voice in her 50s. Now, she writes to be free.
View all posts by seemakaushikmukt
बहुत सुंदर प्रस्तुति |
LikeLiked by 1 person