बह रहा है वक़्त अपनी गति से जान ले
अब फ़क़त तू समय की कीमत पहचान ले
कोई इन हाथों में मंज़िल नहीं देगा
कर जो करना है, अपने दिल में ठान ले
✍️ सीमा कौशिक ‘मुक्त’ ✍️
बह रहा है वक़्त अपनी गति से जान ले
अब फ़क़त तू समय की कीमत पहचान ले
कोई इन हाथों में मंज़िल नहीं देगा
कर जो करना है, अपने दिल में ठान ले
✍️ सीमा कौशिक ‘मुक्त’ ✍️