चुपके चुपके धीरे से दिल में समाते चले गए घुसपैठ अच्छी नहीं ये नैनो के रास्ते आहिस्ता दिल में उतरते चले गए सेंधमारी अच्छी नहीं ये डाली आदत जो धीरे धीरे हर पल साथ रहने की आशिक़ी अच्छी नहीं ये अभी वो तुम्हें समझती नहीं, तुम समझते चले गए नासमझी अच्छी नहीं ये ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️