जब पत्थर पे सिँदूर लगओ, वो देवता बन जाता है।
असल में तो वो 'पत्थर' ही है --- (सावित्री बाई फुले,पहली महिला शिक्षिका)
ये बात अलग सन्दर्भ में है, पर खेल सारा भावनाओं का है --------
ताकत हमेशा तुम्हारी भावनाओं में ! कल भी और आज भी
भावनाओं से पत्थर में भगवान, प्रगट कर दोगे तुम आज भी
करो स्व-भावनाओं का कर्म से सही समन्वय ! देखो तो सही
मानो तो जीवन में अप्राप्य कुछ भी नहीं, कल भी और आज भी
✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
Seema Kaushik is a poet based in Faridabad, India. She is an engineering graduate, who spent most of her life as a homemaker. After being forced to live according to society’s rules, she has finally discovered her voice in her 50s. Now, she writes to be free.
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