किसी के दिल बहलाने का..जरिया न बनो नेक बनो तुम मगर ....बहता दरिया न बनो किसी का अहसान .....रहे चाहे कितना भी हो ख़ुद के मालिक, वक़्त की पहचान बनो ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
किसी के दिल बहलाने का..जरिया न बनो नेक बनो तुम मगर ....बहता दरिया न बनो किसी का अहसान .....रहे चाहे कितना भी हो ख़ुद के मालिक, वक़्त की पहचान बनो ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️