मुस्कुराने का मन किसका नहीं होता क्यों दर्दे-दिल मुस्कुराने नहीं देता आँधियों में शाख से गिरते हुए पत्ते, पतझड़ 'दिल का फूल' खिलने नहीं देता ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
मुस्कुराने का मन किसका नहीं होता क्यों दर्दे-दिल मुस्कुराने नहीं देता आँधियों में शाख से गिरते हुए पत्ते, पतझड़ 'दिल का फूल' खिलने नहीं देता ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
जिस दिन दर्दे दिल मुस्कुरा दे
तुम पार हो जाओगे
अगली बार सिर्फ मुस्कुराओगे नही
ज़ोर से ठहाका लगाओगे
इस बेतुकी दुनिया पर
इस बेमतलब की ज़िंदगी पर।
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sahi kaha aapne !
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