आप के वोट लेकर भी आप के लिए नहीं सोचते वो वादे करके भूले पाँच साल नहीं लौटते वो जो दर्द ख़ुद झेले पर दूसरों का नहीं समझ पाते वो कोई वजह तो होगी ..... आपकी वफ़ा का जवाब वफ़ा से नहीं देते वो अपनी ही धुन में हैं रहते वो लब से कुछ नहीं कहते वो आपका सौ प्रतिशत भी कम पड़ जाए तो प्यार का जवाब भी प्यार से न आये तो कोई वजह तो होगी...... अच्छा करने चलो तो भी विघ्न आ जाएँ तो सारी दुआएँ आसमान से टकरा के लौट आएँ तो जिसको भी अपना मानो वो ही सताये तो सामने लिखे हों सच नहीं पढ़ पाएँ तो कोई वजह तो होगी ..... सबकुछ ठीक होते होते सब बिगड़ जाए तो सुबह के इंतज़ार में रात लम्बी हो जाए तो सब कुछ पाने के बाद भी बेचैनी रह जाए तो कोई वजह तो होगी ..... हर वजह को जान पाने की हसरत हसरत ही रह जाए तो कोई वजह तो होगी ..... ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
बहुत सुंदर।
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dil se shukriya !
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