जब प्यार के हों सुरूर में ....रहते है ख्यालों में जब रूठ जाएँ वो.... तो उदासी के ख्यालों में लब्बोलुभाव यही है यहाँ ....जो करे इश्क़ वो किसी काम का नहीं रहता !हमेशा ख्यालों में ✍️ सीमा कोशिक 'मुक्त' ✍️
जब प्यार के हों सुरूर में ....रहते है ख्यालों में जब रूठ जाएँ वो.... तो उदासी के ख्यालों में लब्बोलुभाव यही है यहाँ ....जो करे इश्क़ वो किसी काम का नहीं रहता !हमेशा ख्यालों में ✍️ सीमा कोशिक 'मुक्त' ✍️