अनकहा अंतर्मन अनकही अंतर्व्यथा अनकहा कह दूँ क्या अव्यक्त भावना सोच से परे अव्यक्त नारी कुछ कही, कुछ अनकही नारी अव्यक्त भी ,अभिव्यक्त भी नारी के इंद्रधनुषी रंग देह से परे अव्यक्त सी नारी सम्पूर्ण अस्तित्व से परिचित होना चाहते हो कर हिम्मत कह दूँ क्या ? उसके सम्पूर्ण अस्तित्व से अपरिचित तुम नारी सम्पूर्ण अस्तित्व नारी अंतर्मन -दर्पण नारी अंतर्मन - एक आइना नारी के मन का हस्ताक्षर नारी अभिव्यक्ति नारी के मन का मोल ? नारी का अनमोल अंतर्मन नारी की चुप्पी में छुपा इंद्रधनुष मालूम नहीं नारी को कोई कैसे परिभाशित करे जितना लिखे वो कम लगे उसका क्या पता क्या हमें अप्रत्याशित लगे ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️