दर्द पोर-पोर में.............मन मौन इतने शोर में धधकती आग ह्रदय में..सीधी आँख फड़कती याद आये रब की.......हमें मुश्किल हालात में अपनों के बेगानेपन से............आत्मा तड़पती ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
दर्द पोर-पोर में.............मन मौन इतने शोर में धधकती आग ह्रदय में..सीधी आँख फड़कती याद आये रब की.......हमें मुश्किल हालात में अपनों के बेगानेपन से............आत्मा तड़पती ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️