मेरे जानेमन........मेरे हमनवा कोई और नहीं....है मेरी दवा अब पीर सहन से है बाहर हुई अब ज़ख्मे-मरहम है तेरा खवा ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
मेरे जानेमन........मेरे हमनवा कोई और नहीं....है मेरी दवा अब पीर सहन से है बाहर हुई अब ज़ख्मे-मरहम है तेरा खवा ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️