149.दोहा

 💐🙏ईद मुबारक 💐🙏
खाओ सेवइयाँ सभी,देखो आयी ईद
गले मिलो सब प्यार से,करो चाँद की दीद
                ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
 

ज़िन्दगी

ए ज़िन्दगी !  तेरे जाल में जो उलझा नहीं वो पार है
प्यार है मुझे बहुत ...........पर उलझने से इंकार है 
तू मुस्काती ज़रूर है....... पर बुरी क्यों लगती है तू
इसे ज़िंदादिली से नहीं जिया..तो ज़िन्दगी बेकार है 
             ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️

गुम

गुम कर दिया ख़ुद को मैंने तेरे लिए 
जी हमेशा तेरी मर्ज़ी, तेरी ख़ुशी के लिए 
तेरी बेरुखी दे रही है सिर्फ़ पछतावा 
क्यों किया, कैसे किया, मैंने किसके लिए
             ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️ 

नया दिन

हर नया दिन है, एक नयी किताब 
भूल जा अतीत और उसके हिसाब 
लिख कुछ प्यारा,खूबसूरत सा दिल से 
हर हर्फ़ दे नयी ज़िन्दगी ज़नाब 
             ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️ 

	

आत्ममुग्ध

क्या हो जाता तुम जो होते भी
वो तो तुम्हारे होते हुए भी तनहा थी
कर पाते उसके ज़ज़्बातों का अहसास
दे पाते उसके तन को आराम मन को चैन
तुम जो होते भी तो क्या हो जाता…….
तुम्हे तो चाहिए था हरवक्त हाज़िर एक शख्स
जो आये और आकर हुक्म बजा लाये
वो करे बिलकुल वैसा जैसा तुम चाहो
वो बातें भी करे उतनी जितनी तुम चाहो
वो भी तुम्हारी पसंद की!
तुम जो होते भी तो क्या हो जाता ……..
जिसे कर पाओ तुम
ज़लील वक़्त बेवक़्त
जिसे ठहरा सको तुम अपनी
नाकामियों का ज़िम्मेदार
जिसे याद ना आये अपनों की जिन्हे वो चाहे
जिनसे रिश्ते निभाने की ज़रुरत नहीं
उसे तो याद करना है तुम्हे और तुमसे जुड़े तमाम रिश्ते
जिनसे निभाना ही है
तुम जो होते भी तो क्या हो जाता…….
क्या बीता वक़्त लौट आता
क्या सब ठीक हो जाता
क्या दिए घाव भर जाते
क्या फासले मिट जाते
अगर हाँ तो आ जाओ !वर्ना रहने ही दो !
और मुझे कहने दो
तुम जो होते भी तो क्या हो जाता…….

नशे में चूर

नशे में चूर दीवाना है तू !
सब कुछ तेरी सहूलियत से नहीं हो पायेगा
तू जब चाहे आएगा जब चाहे जाएगा 
प्यार तू जब करना चाहे जिससे करना चाहे सब ठीक 
दूसरे के प्यार का कोई जवाब नहीं आएगा 
प्यार और समझौतों का हाथ ठुकरा दिया कई बार 
तू क्या समझा चाहा हुआ तेरा हर बार हो जाएगा 
खुशकिस्मत है कि तुझे प्यार करें बहुत लोग 
वरना तेरे गुनाह कौन भूल पायेगा
नशे के नाम किया ज़िन्दगी का बड़ा हिस्सा    
क्या अपनों को हमेशा यूँ ही तड़पाएगा 
पत्नी और बच्चे याद करते हैं तुझे 
बच्चे बड़े हुए तो वो प्यार नहीं पायेगा 
हाथ पैर थक जाते हैं एक दिन ,अभी अहसास नहीं तुझे 
बाद में उन्हें ताने सुनाएगा, प्यार चाहेगा 
दीवाने स्वार्थ में मत डूब गले तक 
समय बदला तो खुद को भी पहचान नहीं पायेगा 
सभी बेवक़ूफ़ लगते हैं तुझे अभी 
पैसे के अलावा क्या कोई भाषा तू समझ पायेगा 
ख़ुशी गम दोनों में पीने वाले 
गम क्या पीने से ख़त्म हो जाएगा
नशे से निकल वास्तविकता की धरती पे आ 
वक़्त निकला तो बस पछतावा ही रह जाएगा