अमिट भावना उर रहे, सबसे पाएँ प्यार प्यार बाँटना ही मगर, है जीवन का सार ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
कोई वजह तो होगी
आप के वोट लेकर भी आप के लिए नहीं सोचते वो वादे करके भूले पाँच साल नहीं लौटते वो जो दर्द ख़ुद झेले पर दूसरों का नहीं समझ पाते वो कोई वजह तो होगी ..... आपकी वफ़ा का जवाब वफ़ा से नहीं देते वो अपनी ही धुन में हैं रहते वो लब से कुछ नहीं कहते वो आपका सौ प्रतिशत भी कम पड़ जाए तो प्यार का जवाब भी प्यार से न आये तो कोई वजह तो होगी...... अच्छा करने चलो तो भी विघ्न आ जाएँ तो सारी दुआएँ आसमान से टकरा के लौट आएँ तो जिसको भी अपना मानो वो ही सताये तो सामने लिखे हों सच नहीं पढ़ पाएँ तो कोई वजह तो होगी ..... सबकुछ ठीक होते होते सब बिगड़ जाए तो सुबह के इंतज़ार में रात लम्बी हो जाए तो सब कुछ पाने के बाद भी बेचैनी रह जाए तो कोई वजह तो होगी ..... हर वजह को जान पाने की हसरत हसरत ही रह जाए तो कोई वजह तो होगी ..... ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
पतझड़
मुस्कुराने का मन किसका नहीं होता क्यों दर्दे-दिल मुस्कुराने नहीं देता आँधियों में शाख से गिरते हुए पत्ते, पतझड़ 'दिल का फूल' खिलने नहीं देता ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
रक़्स
यदि दिल पे ज़ारी रहे ग़मों का रक़्स तो उस इंसान के बदलने की वजह न पूछो फिर भी उसे बदलने का इरादा है तेरा तो भरपूर प्यार से उसे सराबोर कर दो ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
पहचान
किसी के दिल बहलाने का..जरिया न बनो नेक बनो तुम मगर ....बहता दरिया न बनो किसी का अहसान .....रहे चाहे कितना भी हो ख़ुद के मालिक, वक़्त की पहचान बनो ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
नशा
हैं नशे कईं जिसके साथ में.......न खुद है होशोहवास में अपनों का ख़्याल रखेगा क्या, वो इस हाले बदहवास में सही चुनने का होश बाकी है गर....चुनो ज़िन्दगी को तुम नशा चुन लेगा वर्ना तुम्हें.............दर्द ही दर्द हर श्वास में ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
कहानी
सब कुछ है पास तेरे........फिर भी बेचैनी क्यों है मुस्कान लबों पे .........निग़ाहों में वीरानी क्यों है बिना समझे-बूझे.........ढोये अहसासों की लाशें ग़ज़ब बात ! दिल गढ़ता नयी रोज़ कहानी क्यों है ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
बेईमानी
प्यार कब का मर चुका, फिर आँखों में पानी क्यों है दिल दर्द से लबालब है, फिर तुझे हैरानी क्यों है इतना एतबार खुद पर भी न वाज़िब साथी मेरे वजह बता ! अपने शाने-वज़ूद से तेरी बेईमानी क्यों है ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
होश
अमूल्य जीवन है ये, जी सदा इसे जोश से नाकामियों के लिए, मत भर खुद को रोष से अच्छा बुरा जो भी कर, मना नहीं तुझे मगर कर जो भी करना है, लेकिन पूरे होश से ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
…होता मगर
मैं उसके दिल तक पहुँच गया होता मगर रास्ते में फ़र्ज़ी अपनों का एक हुजूम था दर्द दिल का सारा कह गया होता मगर सामने उसकी सच्चाई दिल से वो मज़लूम था मैं टूटकर मोतियों सा बिखर गया होता मगर रब मेरा मेरे साथ है ये मुझे मालूम था ज़िन्दगी ने प्यार का खत लिखा होता मगर उसमे तो बस काँटों के सफर का मज़मून था प्यार उसकी आँखों में दिख गया होता मगर उसके अहम् ने कुचला, दिल मेरा मासूम था कब का उसको मैंने ठुकरा दिया होता मगर जाना उसका प्यार मुझसे पाक और मख़दूम था ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️