अनिवार्य





मोह लेता आसमान को धरती का सौंदर्य 
बूँद ओस की फूलों पर देती सुखद आश्चर्य 
सूर्य किरणें रोज़ धरा को देती जीवनदान     
सुनहरी भोर कहे कान नित, है 'प्रेम' अनिवार्य 
       ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️