आज

आज  इंतज़ार किया तो जाना -----है इंतज़ार क्या 
आज तनहा हुए तो जाना------ है दिल बेकरार क्या 
रात बेचैनी मे कटी -------------इंतज़ार में गिने तारे 
आज समझा किये फ़क़त हम प्यार क्या ज़ज़्बात क्या 
       ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️