अपनी आत्मा से विधान के लिए मत काट-छाँट करिये न झुकाइये, न सींचिये, न कभी तर्क से मज़बूर करिये भरने दो ऊँची उड़ान उसे खुले आसमान में आज़ाद तुम अपने होंसले-जुनून से ख्वाब-ख्वाहिशों का पूरा करिये ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
अपनी आत्मा से विधान के लिए मत काट-छाँट करिये न झुकाइये, न सींचिये, न कभी तर्क से मज़बूर करिये भरने दो ऊँची उड़ान उसे खुले आसमान में आज़ाद तुम अपने होंसले-जुनून से ख्वाब-ख्वाहिशों का पूरा करिये ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️