हम कर्मवीर हैं, योद्धा हैं! लड़ते हैं! लड़ ही लेंगे! आयी चुनौतियाँ पहले भी हम जीते हैं ,फिर जीतेंगे! क्या हुआ कि दुःख के बादल हैं? एकजुट आज हम सब होंगे जो हैं गद्दार मानवता के इस भीड़ से उनको चुन लेंगे ज़मीर मर गया है जिनका जो कालाबाज़ारी करते हैं ऐसे लोगों का सज़ा मिले सब मिलके सुनिश्चित कर देंगे जिन्होंने खोया अपना जिन्हे साथ नहीं मिला किसीका वो जानते हैं कौन है अपराधी ये बात नहीं दबने देंगे सब कहते हैं इस जनता को कुछ भी रहता याद नहीं जो आज त्रासदी सह रहे हैं वो कभी भूलने नहीं देंगे है रात घनेरी और लम्बी छायी गहन उदासी भी रात के बाद सुबह होगी ही सो रात सहन हम कर लेंगे