*महका गुलशन, महके मन, महकी मस्त बयार* *नित रंगबिरंगे फूलों से, मेरा सज गया घर संसार* *मस्त हवाएँ दिल के साज़ पे गायें प्यार का नग़मा* *हृदयदीप प्रज्ज्वलित हुआ, मिटा रहा अंधियार* ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
*महका गुलशन, महके मन, महकी मस्त बयार* *नित रंगबिरंगे फूलों से, मेरा सज गया घर संसार* *मस्त हवाएँ दिल के साज़ पे गायें प्यार का नग़मा* *हृदयदीप प्रज्ज्वलित हुआ, मिटा रहा अंधियार* ️✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️