चाँद

इक चाँद सी सूरत की ख़्वाहिश क्या कहिये 
चाँद पाने का दिली अरमान क्या कहिये 
अपनी काबिलियत भी कभी देखी होती 
चाँद पर जाने की चाह ग़ज़ब !क्या कहिये 
             ✍️ सीमा कौशिक 'मुक्त'  ✍️