जिंदगी 2

जिंदगी बेज़ारी है 
फिर भी बेकरारी है 
ललक है ये ज़ीने की 
या कोई बीमारी है 

जिंदगी

जिंदगी! तू जब देखो सताती ही रही 
हँसाया कम रुलाती ही रही 
तूने लगातार दबाने की, की कोशिश लेकिन 
मैं दुगने वेग से छलांग ऊँची लगाती ही रही