ज्ञान अग्नि

ज्ञान की अग्नि करे पवित्र ऐसे, 
प्राणी महकता है !हो इत्र जैसे ! 
अग्नि सब कुछ जला के भस्म करती है जैसे, 
ज्ञान अग्नि जलाती ,समस्त कर्मों को वैसे !!