तय

आज का मौसम कैसा होगा........हवाएँ तय करेंगी 
कब तक लहज़ा मीठा होगा.......जरूरतें तय करेंगी 
कौन किसी का कब तक देखो यहाँ साथ निभाता है 
कब तक किसका गरूर रहेगा ...रब रज़ा तय करेंगी 

तय (decide)

जो  मुझे कहना है वो 
मैं तय करुँगी या तुम ?
क्या अच्छा क्या बुरा मुझे लगे 
ये भी तय करोगे तुम ? 
मेरे अहसास मेरे हों पर 
महसूस कैसे हों तय करोगे तुम !
अनुभव कड़वे हों तो मीठा कैसे कहूँ ? 
कड़वे को मीठा कहलवाओगे तुम ! 
जीवन झेला मैंने पाया खोया मैंने 
हर दुःख झेला मैंने और इसके
सरताज हो जाओगे तुम ! 
सही गलत का फैसला,अच्छे बुरे का फैसला 
अपनी राह चुनने का फैसला होगा मेरा ! 
रोक नहीं पाओगे तुम !
रोक नहीं पाओगे तुम !