हैं नशे कईं जिसके साथ में.......न खुद है होशोहवास में अपनों का ख़्याल रखेगा क्या, वो इस हाले बदहवास में सही चुनने का होश बाकी है गर....चुनो ज़िन्दगी को तुम नशा चुन लेगा वर्ना तुम्हें.............दर्द ही दर्द हर श्वास में ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️
हैं नशे कईं जिसके साथ में.......न खुद है होशोहवास में अपनों का ख़्याल रखेगा क्या, वो इस हाले बदहवास में सही चुनने का होश बाकी है गर....चुनो ज़िन्दगी को तुम नशा चुन लेगा वर्ना तुम्हें.............दर्द ही दर्द हर श्वास में ✍️सीमा कौशिक 'मुक्त' ✍️